मेडिकल, डेंटल, फार्मेसी, नर्सिंग, पैरामेडिकल और फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों को अब कॉलेज से बंक मारना आसान नहीं रहेगा। आने-जाने की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से लगेगी। उपस्थिति बायोमीट्रिक मशीन से दर्ज नहींं करवाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। नियमित रुप से निर्धारित प्रतिशत से कम उपस्थिति दर्ज वाले स्टूडेंटों को परीक्षा में बैठने की नहीं मिलेगी।
कॉलेजों को कहा गया है कि अनुपस्थित रहने वालों की सूचना प्रशासन को अभिभावकों को पत्र, ई-मेल और मोबाइल मेसेज के जरिए भेंजना पड़ेगा। बायो मीट्रिक सिस्टम से उपस्थिति दर्ज कराने वालों में छात्र-छात्राओं तथा शैक्षणिक व अशैणिक स्टाफ भी शामिल है। ये ही नहीं आरयूएचएस खुद मॉनिटरिंग करेगा। मेडिकल शिक्षा में गुणात्मक सुधार व ठहराव के लिए राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने संस्थानों के प्राचार्यो, विभागाध्यक्ष, प्रभारी और डीन को विद्यार्थियों की उपस्थिति बायो मीट्रिक सिस्टम से न्यूनतम उपस्थिति की सख्ती से पालना करने के लिए कहा है। प्रदेश भर में मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, फार्मेसी के सरकारी व निजी कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या करीबन 60 हजार है।