इकोनॉमी के सभी सेक्टर में सुधार के लिए 9 लाख करोड़ रुपए का पैकेज चाहिए

उद्योग संगठन एसोचैम ने कोरोनावायरस से हुए नुकसान से सभी सेक्टर की रिकवरी के लिए 100-120 अरब डॉलर (7.50 लाख करोड़-9 लाख करोड़ रुपए) के पैकेज की मांग की है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा है कि रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दर में कमी करना शॉर्ट टर्म उपाय हो सकता है, लेकिन सरकार को काफी कुछ करने की जरूरत होगी।


कच्चा तेल सस्ता होने से देश को 3.75 लाख करोड़ का फायदा होगा: एसोचैम
सूद का कहना है कि इस वक्त महंगाई बढ़ने का खतरा नहीं है, सरकार को इसका फायदा उठाना चाहिए। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से भी देश को 50 अरब डॉलर (3.75 लाख करोड़ रुपए) का फायदा होगा। सूद ने कहा कि आरबीआई का कदम इकोनॉमी के लिए फायदेमंद होगा, लेकिन यह अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए पर्याप्त नहीं है।


सरकार 1.70 लाख करोड़ का पैकेज पहले ही घोषित कर चुकी
गरीबों, मजदूरों और किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज घोषित किया था। इसमें गरीबों को 5 किलो अतिरिक्त अनाज और एक किलो दाल तीन महीने तक फ्री देने की घोषणा की गई थी। महिला महिला जनधन खाताधारकों को अगले तीन महीने तक 500 रुपए हर महीने देने का ऐलान भी किया गया। साथ ही छोटी कंपनियों के कर्मचारियों का पीएफ योगदान तीन महीने तक सरकार भरेगी। इनके अलावा भी कई ऐलान किए गए थे।


आरबीआई ने कर्ज सस्ता किया, ईएमआई में भी तीन महीने की राहत दी
सरकार के पैकेज के अगले ही दिन यानी 27 मार्च को आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75% कमी का ऐलान किया। इससे कर्ज सस्ते हो गए हैं। इसके साथ ही लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की राहत भी दी गई है। लेकिन, लोन का समय तीन महीने बढ़ जाएगा। आरबीआई ने कंपनियों के वर्किंग कैपिटल लोन पर ब्याज में भी तीन महीने की राहत दी है।


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