जयपुर के तीन हजार करोड़ रुपए के जवाहरात उद्योग को केंद्रीय बजट से बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन बजट निराशा देकर ही गया। शनिवार को पेश आम बजट में कलर स्टोन की रफ पर 0.5 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने की घोषणा की गई है। इससे जवाहरात उद्योग को झटका लगा है। इम्पोर्ट लगाने से प्रिशियस और सेमी प्रिशियस कलर स्टोन 1% तक महंगे होने का अनुमान है। यानी स्टोन ज्वैलरी की कीमतें भी एक फीसदी तक बढ़ जाएंगी।
कलर स्टोन और ज्वैलरी महंगी होने से घरेलू बाजार में आभूषण कारोबार और निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। दरअसल, कलर स्टोन महंगे होने से जयपुर के कलर स्टोन व ज्वैलरी निर्यातक को अपने माल की कीमतें बढ़ाएंगे। ऐसे में चीन, हांगकांग और बैंकाक जैसे देशों के निर्यातकों के साथ मुकाबला मुश्किल हो जाएगा।
शहर में 1 लाख कारीगर कलर स्टोन के उद्योग से जुड़े हैं
कलर स्टोन की रफ पर 0.5 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी का सीधा असर जयपुर के करीब एक लाख कारीगरों के काम पर पड़ेगा। जैम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक जयपुर से हर साल करीब 2,500 करोड़ रुपए के कलर स्टोन का निर्यात किया जाता है। इसके अलावा करीब 500 करोड़ रुपए के कलर स्टोन की घरेलू बिक्री होती है। इस रफ को स्थानीय कारीगर प्रोसेस कर फिनिश्ड कलर स्टोन में बदलते हैं। फिर इसका एक बड़ा हिस्सा निर्यात किया जाता है। स्थानीय ज्वैलर्स भी इन्हें खरीदते हैं, लेकिन ड्यूटी लगने से अब जवाहरात व्यवसायी रफ का आयात कम करेंगे। इससे कारीगरों के रोजगार में कमी आएगी। कलर स्टोन प्रोसेसिंग यूनिट कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। इससे जवाहरात कारोबार में कमी आएगी। यानी निर्यात और रोजगार दोनों पर असर पड़ेगा।
प्लेटिनम : ड्यूटी 12.5% से घटाकर 7.5%, लेकिन हमें कोई फायदा नहीं, क्योंकि इसकी आभूषण कारोबार में सिर्फ 1% हिस्सेदारी
बजट में प्लेटिनम पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 12.5 से घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया गया, लेकिन सोना-चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी रेट में बदलाव नहीं किया गया। इसका जयपुर के आभूषण उद्योग को कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि प्लेटिनम ज्वैलरी की कुल आभूषण कारोबार में करीब एक फीसदी हिस्सेदारी है।
ज्वैलर्स बोले- केंद्र सरकार ने बजट में आभूषण उद्योग की अनदेखी की:
- ज्वैलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष राजू मंगोड़ीवाला के मुताबिक कलर स्टोन की रफ पर ड्यूटी लगाने से ज्वैलर्स को निराशा हाथ लगी है। इसका सीधा असर निर्यात पर पड़ेगा।
- सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी, जयपुर के अध्यक्ष कैलाश मित्तल के मुताबिक सरकार ने आभूषण उद्योग की अनदेखी की है।
इम्पोर्ट ड्यूटी कम नहीं, 20 हजार करोड़ का कारोबार था, अब 15 हजार करोड़ रु. सालाना रह गया है
सोने-चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम नहीं की गई। सोना-चांदी की कीमतें बढ़ने की वजह से इस साल ज्वैलरी कारोबार पिछले साल के मुकाबले 35% कम है। इसके मद्देनजर ज्वैलर्स ने सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी और जीएसटी घटाने की मांग की थी, ताकि सोना-चांदी सस्ता हो और आभूषण कारोबार को बूस्ट मिले, लेकिन सरकार ने ज्वैलर्स की मांग को अनदेखा कर दिया। इम्पोर्ट ड्यूटी और जीएसटी रेट में कमी नहीं करने से आभूषण उद्योग निराश हैं। एक अनुमान के मुताबिक जीएसटी लागू होने से पहले जयपुर में सालाना 18,000 से 20,000 करोड़ रुपए का आभूषण कारोबार होता था, लेकिन टैक्स बढ़ने और कीमतें ऊंची होने से आभूषण कारोबार घटकर करीब 15,000 करोड़ रुपए सालाना रह गया है। कारोबार में कमी से कई छोटे ज्वैलर्स ट्रेड से बाहर हो रहे हैं। सीधा असर अर्थव्यस्था पर पड़ रहा है।
स्वास्थ्य : 2024 तक टीबी की 2000 किस्म की दवाएं मिलेंगी
बजट में टीबी की बीमारी खत्म करने के लिए ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ अभियान की घोषणा की गई है। इसके तहत टीबी मरीजों की पहचान कर रिकाॅर्ड तैयार किया जाएगा व इलाज के लिए उनकी मॉनीटरिंग की जाएगी। 2024 तक राज्य के सभी जिलों में मरीजों को सस्ती दरों पर 2000 हजार किस्म की दवाएं अौर 300 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध कराने के लिए जनअौषधि केन्द्र खोले जाएंगे। ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा का कहना है कि राजस्थान में करीब 100 जनअौषधि केन्द्र संचालित हैं।
प्रदेश में 4 साल में टीबी के 80 हजार मरीज बढ़े
जयपुर समेत प्रदेशभर में वर्ष 2015 में टीबी के मरीजों की संख्या 90,296 थी। यह अांकड़ा 2019 में बढ़कर 1,70,322 तक पहुंच चुका है। इनमें एमडीअार (मल्टीड्रग रेजिस्टेंस टीबी) के मरीज 1750 से बढ़कर 3952 हो गए हैं। आईआरडी के सीनियर प्रोफेसर नरेन्द्र खिप्पल ने बताया कि टीबी से संक्रमित मरीज एक साल में 14 स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।
पानी : जयपुर सहित 3 शहरों में 7 लाख घरों को मिलेंगे कनेक्शन
- 10 लाख से अधिक आबादी के शहरों में इसी साल कनेक्शन दिए जाएंगे, कोटा-जोधपुर भी शामिल
- 11,500 करोड़ रुपए खर्च करेगा केन्द्र, 3.60 लाख पहले ही अनुमोदित हो चुके हैं
केंद्रीय बजट में जल जीवन मिशन योजना से प्रदेश के 7 लाख घरों में पानी पहुंच सकता है। अभी ये घर पानी कनेक्शन से वंचित हैं। बजट में प्रावधान किया गया है कि 10 लाख से अधिक आबादी के शहरों में इसी साल 100% पानी कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। इस घोषणा के दायरे में वर्तमान में प्रदेश के तीन शहर जयपुर, जोधपुर, कोटा आ रहे हैं। इनमें 7 लाख घरों में कनेक्शन नहीं हैं। केंद्र इस योजना के लिए 11,500 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इसके लिए 3.60 लाख करोड़ रुपए पहले ही अनुमोदित किए जा चुके हैं।
रियल एस्टेट : सुधार की आस कम, बिल्डर्स की मांगें पूरी नहीं
आर्थिक सुस्ती के मौजूदा दौर में बिल्डरों को आम बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन इनमें से कोई पूरी नहीं हो सकी। इसके मद्देनजर रियल एस्टेट क्षेत्र को बजट से बूस्ट मिलने की संभावना कम है। बिल्डरों का कहना है कि वित्त मंत्री से रियल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा, केपिटल गैन टैक्स के लिए अवधि को तीन साल से घटाकर एक साल करने, राज्य सरकार की ओर से ली जाने वाली स्टांप ड्यूटी के मद्देनजर जीएसटी को समाप्त करने और डवलपर्स की अोर से बैंकों से लिए गए कर्ज की री-स्ट्रक्चरिंग करने की मांग की गई थी। लेकिन आम बजट में इनमें से किसी मांग को पूरा नहीं किया गया। केवल अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट से डवलपर्स को होने वाली आय को आयकर से मुक्त करने की अवधि को एक साल के और बढ़ा गया है। इसके अलावा मकान खरीदारों को आयकर छूट के लिए जो सीमा तय की गई थी, उसकी अवधि भी एक साल बढ़ाई गई है।
कुछ ने बताई राहत, कुछ ने कहा- उम्मीदें अधूरी
- आम बजट से बिल्डर व खरीदारों को खास राहत नहीं मिली। रियल एस्टेट क्षेत्र को बूस्ट की जरूरत थी। इसमें सुधार से रोजगार बढ़ता। सरकार ने बजट में यह अवसर गवां दिया। -आत्माराम गुप्ता, चेयरमैन, एआरजी ग्रुप़
- स्क्रूटनी अपील का जवाब अब ऑनलाइन होगा। डीएलसी रेट में रजिस्ट्री होगी व इनकम टैक्स में बदलाव कर सकेंगे। ये राहत भरे कदम हैं। -राजेंद्र केडिया, चेयरमैन, केडिया बिल्डर एंड कॉलोनाइजर
- अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट को एक साल और आयकर से बाहर रखा गया है। खरीदारों की अतिरिक्त आयकर छूट को भी जारी रखा है। यह स्वागत योग्य है।-नागरमल अग्रवाल, निदेशक मोजिका
- रियल एस्टेट काे बूस्ट नहीं मिला। हाउसिंग सेक्टर पर छूट काे एक साल बढ़ाने का कदम उचित है। बेहतर हाेता यदि छाेटी बचत काे प्राेत्साहन देने की घाेषणाएं होती। -मनाेज श्रीवास्तव, रियल एस्टेट एक्सपर्ट