क्या बीजेपी नेता एकनाथ खडसे बगावत की राह पर हैं?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) द्वारा पार्टी नेतृत्व पर तीखा प्रहार हो रहा है. खडसे समर्थकों की माने तो लगभग 40 साल पार्टी के लिए काम करने के बाद भी पार्टी द्वारा बार-बार अपमानित किया जा रहा है. इससे एकनाथ खडसे नाराज चल रहे हैं. इस बीच जब एकनाथ खडसे एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) से मिले तो राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो गई कि एकनाथ खडसे पार्टी छोड़ सकते हैं. एकनाथ खडसे आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुंबई में मुलाकात करने वाले हैं. सोमवार को शरद पवार से मुलाकात करने के तुरंत बाद वह मुंबई लौट गए थे और आज वह मुख्यमंत्री ठाकरे से मिलने जा रहे हैं.


खडसे द्वारा बागी तेवर अपनाने के बाद विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काटा गया था, लेकिन पार्टी में गलत संदेश जा रहा यह नजर आते ही बीजेपी ने उनकी बेटी को टिकट दिया था. लेकिन खडसे समर्थकों का आरोप है कि पार्टी के अंदरूनी नेताओं ने खडसे के खिलाफ काम किया और उनकी बेटी को 1800 मतों से पराजित होना पड़ा. एकनाथ खडसे समर्थकों का कहना है कि पार्टी के लिए 40 साल काम किया और उत्तर महाराष्ट्र में पार्टी को जमीन से आसमान तक पहुंचाया. पिछले छह दशक में लगातार दो सांसद उत्तर महाराष्ट्र से भेजे फिर भी पार्टी बार-बार अपमानित कर रही है. इसी गुस्से की वजह से वह कल दिल्ली आए थे.


दिल्ली में शरद पवार से की थी मुलाकात





दिल्ली में शरद पवार के साथ लगभग 45 मिनट उनकी मुलाकात हुई. उसके बाद तुरंत वह बिना बोले मुंबई के लिए निकल गए थे. लेकिन घर पर जब उनसे पूछा गया तब उन्होंने कहा कि वे अभी मुंबई जा रहे हैं और मुंबई में जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे. साथ ही ये भी कहा कि अगर उन्हें पार्टी छोड़ना है तो रात के अंधेरे में कोई निर्णय नहीं लेंगे. खडसे ने ये भी कहा कि वे पत्रकारों को बुलाकर सभी के सामने अपना निर्णय बताएंगे. उन्हें कोई रोक नहीं सकता. कहने की जरूरत नहीं है कि इन शब्दों ने उनका रुख स्पष्ट कर दिया है. इसी कारण पार्टी के बड़े नेता उपेंद्र यादव और चंद्रकांत पाटिल को उनको मनाने में लगाया गया. लेकिन अभी जब उन्होंने शरद पवार से मुलाकात कर ली और उद्धव ठाकरे से मिलने जा रहे हैं, इसका मतलब उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.



 















 


नागरिकता बिल पर पलटी शिवसेना, उद्धव बोले- हम आगे नहीं करेंगे बिल का समर्थन


 



 




नागरिकता बिल पर पलटी शिवसेना, उद्धव बोले- हम आगे नहीं करेंगे बिल का समर्थन
उद्धव ठाकरे ने कहा, जब तक चीजें स्पष्ट नहीं होतीं, हम नागरिकता बिल का समर्थन नहीं करेंगे

 




महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा, 'हम नागरिकता संशोधन बिल पर आगे तब तक सरकार का समर्थन नहीं करेंगे, जब तक कुछ बातें स्पष्ट नहीं हो जाती.



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  • LAST UPDATED: DECEMBER 10, 2019, 3:41 PM IST



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नई दिल्ली. लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) का समर्थन करने वाली शिवसेना ने मोदी सरकार को घेरा है. शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा, 'हम नागरिकता संशोधन बिल पर आगे तब तक सरकार का समर्थन नहीं करेंगे, जब तक कुछ बातें स्पष्ट नहीं हो जाती.

उद्धव ठाकरे ने कहा, 'जो कोई असहमत होता है, वह देशद्रोही होता है, यह (बीजेपी) उनका भ्रण है. यह एक भ्रम है कि केवल बीजेपी को ही देश की परवाह है. हमने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन में कुछ बदलाव के सुझाव दिए हैं. हम चाहते हैं कि राज्यसभा में इसे गंभीरता से लिया जाए.' उद्धव ठाकरे ने कहा, 'सराकर को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ये शरणार्थी कहां रहेंगे?  किस राज्य में रहेंगे?'








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Maharashtra CM Uddhav Thackeray: Anyone who disagrees is a 'deshdrohi' is their illusion. We have suggested changes in we want in Rajya Sabha. It is an illusion that only BJP cares for the country.






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Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: If any citizen is afraid of this Bill than one must clear their doubts. They are our citizens so one must answer their questions too. https://twitter.com/ANI/status/1204327977414119429 






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Maharashtra CM Uddhav Thackeray: We will not give support to the Bill (Citizenship Amendment Bill) unless things are clear.








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महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, 'शिवसेना किसी को अच्छा या बुरा लगने के लिए कुछ नहीं करती, हमारे लिए देश सबसे आगे है. नागरिकता बिल को लेकर सोमवार को ही हमने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी थी. शिवसेना ने लोगसभा में बिल के समर्थन में वोट किया था. घुसपैठियों को बहार करना ही हमारी प्रमुख भूमिका रही है. शिवसेना को क्या स्टैंड लेना है ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है.'


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First published: December 10, 2019, 3:03 PM IST


 





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160 रुपये प्रति किलोग्राम हुई प्याज की कीमत! जानिए आपके शहर में क्या है भाव


 

 


 




160 रुपये प्रति किलोग्राम हुई प्याज की कीमत! जानिए आपके शहर में क्या है भाव
दाल और प्याज के बाद अब आलू और खाने के तेल आम आदमी की परेशानी बढ़ा सकते हैं. पिछले एक हफ्ते में आलू की कीमत में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

 




देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में प्याज की कीमतें मंगलवार को 150 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहंच गई है. फिलहाल प्याज 150-160 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. आइए जानें देश के 10 बड़े शहरों में क्या है प्याज के नए दाम...



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  • LAST UPDATED: DECEMBER 10, 2019, 2:07 PM IST



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नई दिल्ली. प्याज (Onion Price Today) की बढ़ती कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही है. देश के कई शहरों में कीमतें 160 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई है. हालांकि, प्याज की बढ़ती कीमतों (Onion Price Soar) को काबू करने के लिए सरकार ने एक बार फिर स्टॉक लिमिट कम कर दी है. नए नियम के मुताबिक अब रिटेलर सिर्फ 2 मेट्रिक टन प्याज रख सकेंगे. इसके अलावा सरकार ने राज्यों को प्याज व्यापारियों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, नासिक में मिस्र से प्याज आने लगा है. इस वजह से थोक और खुदरा भाव में कुछ नरमी देखने को मिली है.


आइए जानें देश के बड़े शहरों क्या है प्याज के भाव?


(1) देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में प्याज की कीमतें मंगलवार को 150 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहंच गई है. फिलहाल प्याज 150-160 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.





(2) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक किलोग्राम प्याज 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. वहीं, नोएडा , गुरूग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में कीमतें 90-100 रुपये प्रति किलोग्राम है.





 

ये भी पढ़ें-चीन में सूअर की वजह से 8 साल में सबसे ज्यादा हुई महंगाई, लोगों के डूबे करोड़ों 








(3) पंजाब के कई बड़े शहरों में प्याज के दाम 90-100 रुपये प्रति किलोग्राम है.


(4) हिमाचल की राजधानी शिमला में प्याज की कीमतें 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए है.


 


(5) राजस्थान की राजधानी जयपुर में कीमतें 80-90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.


(6) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक किलोग्राम प्याज 110 रुपये में मिल रही है.


(7) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्याज के भाव 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए है.


(8) असम के बड़े शहर गुवाहाटी में कीमतें 100-120 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.


(9) वहीं, दक्षिण भारत में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक किलोग्राम प्याज के दाम 135 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए है.


(10) तमिलनाडू के कोयम्बटूर में प्याज के दाम बढ़कर 120 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए है.


-Onion Latest Price Onion Price Today Retail onion prices touch Rs 160 kilograms mark in some cities


(11) गुजरात के बड़े शहरों में प्याज के दाम 100-120 रुपये प्रति किलोग्राम है.


अब आलू भी हुए महंगे- दाल और प्याज के बाद अब आलू और खाने के तेल आम आदमी की परेशानी बढ़ा सकते हैं. पिछले एक हफ्ते में आलू की कीमत में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.




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>> पिछले साल के मुकाबले रिटेल में आलू की कीमतें 18 प्रतिशत बढ़ी हैं. आलू के दाम 30 से 35 किलो के स्तर पर पहुंच गये हैं.


>> जबकि एक महीने में खाने के तेलों के दाम में 8 से लेकर 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है. तुअर, उड़द दाल की कीमतें 100 रुपये के पार पहुंच गई हैं.






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First published: December 10, 2019, 1:54 PM IST


 




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शिवसेना का BJP पर तंज, कहा- अर्थव्यवस्था के लिए नेहरू-इंदिरा को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता


 

 


 




शिवसेना का BJP पर तंज, कहा- अर्थव्यवस्था के लिए नेहरू-इंदिरा को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता
शिवसेना ने मंगलवार को पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के जरिए प्याज की बढ़ती कीमत और अर्थव्यवस्था को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा.

 




शिवसेना के मुखपत्र सामना (Saamana) में लिखा गया है कि अर्थव्यवस्था (Economy) में गिरावट जारी है, लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है.



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  • LAST UPDATED: DECEMBER 10, 2019, 2:22 PM IST



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मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्तारूढ़ शिवसेना (Shiv Sena) ने प्याज की बढ़ती कीमतों और अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तंज कसा है. पार्टी के मुखपत्र सामना (Saamana) में लिखे एक लेख में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था का जो सर्वनाश हो रहा है उसके लिए पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.


इस लेख के कहा गया है, 'देश की अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है. रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मत है कि अर्थव्यवस्था बीमार पड़ गई है. रघुराम अर्थव्यवस्था के बेहतरीन डॉक्टर हैं. परंतु सरकार मानने को तैयार नहीं है. मोदी अब प्रधानमंत्री हैं और देश की अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई है. देश की अर्थव्यवस्था के लिए पंडित नेहरू तथा इंदिरा गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.'


सरकार विशेषज्ञों को सुनना नहीं चाहती है





सामना ने साथ ही लिखा, 'वर्तमान सरकार विशेषज्ञों को सुनना नहीं चाहती है तथा देश की अर्थव्यवस्था उनकी नजर में शेयर बाजार का 'सट्टा' हो गया है. निर्मला सीतारमण देश की वित्तमंत्री हैं, परंतु अर्थनीति में उनका योगदान क्या है? शासकों को अपनी मुट्ठी में रहनेवाले वित्तमंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त सचिव, नीति आयोग के अध्यक्ष चाहिए और यही अर्थव्यवस्था की बीमारी की जड़ है.'





 

अर्थव्यवस्था की खराब हालत का मूल कारण नोटबंदी 


इसके साथ ही इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में अधिकारों का केंद्रीकरण और अधिकार शून्य मंत्री ऐसी स्थिति अर्थव्यवस्था के लिए घातक होने की चिंता रघुराम राजन ने व्यक्त की है. वर्तमान सरकार में निर्णय, कल्पना, योजना इन तमाम स्तरों का केंद्रीकरण हो गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय में कुछ ही लोग निर्णय लेते हैं. नोटबंदी जैसे निर्णय लेते समय देश के उस समय के वित्तमंत्री को अंधेरे में रखा गया तथा रिजर्व बैंक के तत्कालीन गवर्नर ने विरोध किया तो उन्हें हटा दिया गया. आज देश की अर्थव्यवस्था डांवांडोल है इसके पीछे नाकाम नोटबंदी का निर्णय मूल कारण है। गिने-चुने उद्योगपतियों के लिए अर्थव्यवस्था का इस्तेमाल किया जा रहा है.







वित्‍तमंत्री के बयान को बताया बचकाना


महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना ने वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्‍याज की कीमतों पर दिए गए बयान पर तीखा हमला बोला है. 'सामना' में लिखा गया है कि प्याज की कीमत 200 रुपए प्रति किलो हो गई है. इस पर 'मैं प्याज नहीं खाती इसलिए प्याज के बारे में मुझे मत पूछो', ऐसा बचकाना जवाब देनेवाली वित्तमंत्री इस देश को मिली हैं. प्रधानमंत्री को इसमें सुधार करने की इच्छा दिखाई नहीं देती. मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं थे तब प्याज की बढ़ती कीमतों पर उन्होंने चिंता व्यक्त की थी. वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कहा था, 'प्याज जीवन के लिए आवश्यक चीज है. यदि ये इतना महंगा हो जाएगा तो प्याज को लॉकर्स में रखने का वक्त आ गया है.' आज उनकी नीति बदल गई है.


 


बुलेट ट्रेन परियोजना पर उठाए सवाल


'सामना' में प्रकाशित संपादकीय में बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर तल्‍ख टिप्‍पणी की गई है. शिवसेना ने हजारों करोड़ रुपये की इस परियोजना को 'आर्थिक भार' बढ़ाने वाला बताया है. संपादकीय में लिखा, 'बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं पर बेवजह जोर देकर आर्थिक भार बढ़ाया जा रहा है.'


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खडसे की नाराजगी से BJP में खलबली, आज उद्धव से कर सकते हैं मुलाकात


शिवसेना का तंज- प्‍याज सुंघाकर होश में लाया जाता है, अब वह भी संभव नहीं






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First published: December 10, 2019, 1:45 PM IST


 




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क्या बीजेपी नेता एकनाथ खडसे बगावत की राह पर हैं?


 

 


 




क्या बीजेपी नेता एकनाथ खडसे बगावत की राह पर हैं?
बीजेपी नेता एकनाथ खडसे आज उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे.

 




आखिर क्यों भूपेंद्र यादव और चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) की तमाम कोशिशों के बाद भी शरद पवार (Sharad Pawar) से मिलकर आज उद्धव ठाकरे से मिलने जा रहे हैं बीजेपी नेता एकनाथ खडसे?



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  • LAST UPDATED: DECEMBER 10, 2019, 1:24 PM IST



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मुंबई. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) द्वारा पार्टी नेतृत्व पर तीखा प्रहार हो रहा है. खडसे समर्थकों की माने तो लगभग 40 साल पार्टी के लिए काम करने के बाद भी पार्टी द्वारा बार-बार अपमानित किया जा रहा है. इससे एकनाथ खडसे नाराज चल रहे हैं. इस बीच जब एकनाथ खडसे एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) से मिले तो राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो गई कि एकनाथ खडसे पार्टी छोड़ सकते हैं. एकनाथ खडसे आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुंबई में मुलाकात करने वाले हैं. सोमवार को शरद पवार से मुलाकात करने के तुरंत बाद वह मुंबई लौट गए थे और आज वह मुख्यमंत्री ठाकरे से मिलने जा रहे हैं.


खडसे द्वारा बागी तेवर अपनाने के बाद विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काटा गया था, लेकिन पार्टी में गलत संदेश जा रहा यह नजर आते ही बीजेपी ने उनकी बेटी को टिकट दिया था. लेकिन खडसे समर्थकों का आरोप है कि पार्टी के अंदरूनी नेताओं ने खडसे के खिलाफ काम किया और उनकी बेटी को 1800 मतों से पराजित होना पड़ा. एकनाथ खडसे समर्थकों का कहना है कि पार्टी के लिए 40 साल काम किया और उत्तर महाराष्ट्र में पार्टी को जमीन से आसमान तक पहुंचाया. पिछले छह दशक में लगातार दो सांसद उत्तर महाराष्ट्र से भेजे फिर भी पार्टी बार-बार अपमानित कर रही है. इसी गुस्से की वजह से वह कल दिल्ली आए थे.


दिल्ली में शरद पवार से की थी मुलाकात


दिल्ली में शरद पवार के साथ लगभग 45 मिनट उनकी मुलाकात हुई. उसके बाद तुरंत वह बिना बोले मुंबई के लिए निकल गए थे. लेकिन घर पर जब उनसे पूछा गया तब उन्होंने कहा कि वे अभी मुंबई जा रहे हैं और मुंबई में जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे. साथ ही ये भी कहा कि अगर उन्हें पार्टी छोड़ना है तो रात के अंधेरे में कोई निर्णय नहीं लेंगे. खडसे ने ये भी कहा कि वे पत्रकारों को बुलाकर सभी के सामने अपना निर्णय बताएंगे. उन्हें कोई रोक नहीं सकता. कहने की जरूरत नहीं है कि इन शब्दों ने उनका रुख स्पष्ट कर दिया है. इसी कारण पार्टी के बड़े नेता उपेंद्र यादव और चंद्रकांत पाटिल को उनको मनाने में लगाया गया. लेकिन अभी जब उन्होंने शरद पवार से मुलाकात कर ली और उद्धव ठाकरे से मिलने जा रहे हैं, इसका मतलब उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.


राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, अब सिर्फ ये देखना होगा कि वे पार्टी कब छोड़ते हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) का दामन कब थामते हैं. यहां ये भी उल्लेख करने लायक है कि एकनाथ खडसे महाराष्ट्र में बड़े ओबीसी नेता हैं. जिस समाज से वे आते हैं उस समाज का बड़ा मतदान उत्तर महाराष्ट्र में होता है. बीजेपी को इन्हीं मतदाताओं को लेकर चिंता है. माना जा रहा है कि इसी कारण भूपेंद्र यादव और चंद्रकांत पाटिल चाहते हैं कि एकनाथ खडसे पार्टी नहीं छोड़ें.